जल के गुण , प्रकार एवं संरचना
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जल के गुण , प्रकार एवं संरचना quizsansar

नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक नयी post जिसका नाम है जल के गुण , प्रकार एवं संरचना , उम्मीद है बाकी सभी post की तरह यह भी आपको पसंद आएगी |

पानी / jal क्या है

सभी सजीवों का बृहद् भाग जल द्वारा निर्मित है।

मानव शरीर में लगभग 65% एवं कुछ पौधों में लगभग 95% जल होता है। सम्पूर्ण जल का 97% भाग महासागरों में तथा शेष शुद्ध रूप में उपस्थित है।

वर्षा जल, जल का शुद्धतम रूप है।

जल के गुणधर्म (Properties of Water)

  • यह रंगहीन तथा स्वादहीन द्रव है। शुद्ध रूप में यह उदासीन है। इसका pH 7 है।
  • शुद्ध water विद्युत का कुचालक है, यद्यपि इसकी चालकता कुछ प्रबल विद्युत अपघट्य मिलाकर बढ़ाई जा सकती है।
  • 4°C पर water का घनत्व अधिकतम तथा आयतन निम्नतम होता है।
  • 0°C पर jal अपनी ठोस अवस्था में परिवर्तित होता है, जिसे बर्फ कहते हैं।
  • H2S तथा S2 Se की तुलना में water का उच्च हिमांक, उच्च क्वथनांक, उच्च वाष्पन ऊष्मा, उच्च संलयन ऊष्मा का कारण विस्तृत H आबन्धन का होना है। water अणुओं के मध्य H-आबन्धों के कारण ही यह द्रव अवस्था में पाया जाता है।
  • अन्य द्रवों की तुलना में water की विशिष्ट ऊष्मा, तापीय चालकता, पृष्ठ तनाव, द्विध्रुव आघूर्ण तथ परावैद्युतांक के मान उच्च होते हैं। अपनी उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण यह एक अच्छा शीतलक (coolant) है तथा
    यह कारों, बसों व ट्रकों के इंजनों को ठण्डा करने में प्रयुक्त किया जाता है।
  • वनस्पतियों एवं प्राणियों के उपापचय (metabolism) में अणुओं के अभिगमन के लिए पानी अपने उच्च परावैद्युतांक (dielectric constant) के कारण एक उत्तम विलायक है।
  • jal ध्रुवीय अणुओं के साथ H-आबन्धन बनाता है। जिससे सहसंयोजक यौगिक, जैसे एल्कोहॉल तथा कार्बोहाइड्रेट यौगिक jal में विलेय होते हैं।

जल अणु की संरचना (Structure of Water Molecule in hindi )


गैस प्रावस्था में water एक बंकित अणु (bent molecule) है।

आबन्ध कोण तथा OH आबन्ध दूरी के मान क्रमशः 104.5° तथा 95.7pm हैं।

बर्फ में प्रत्येक ऑक्सीजन परमाणु चार अन्य हाइड्रोजन परमाणुओं से चतुष्फलकीय रूप से घिरा होता है।

हाइड्रोजन आबन्ध बर्फ में बृहद छिद्रयुक्त एक प्रकार की खुली संरचना बनाते हैं। यही कारण है, कि बर्फ का घनत्व द्रव jal की अपेक्षा कम होता है, यद्यपि बर्फ एक ठोस है तथा jal द्रव है।

यदि उबले jal को अधिक समय तक रखा जाए, तो पात्र की आन्तरिक सतह कैल्सियम और मैग्नीशियम के कार्बोनेटों की सफेद परत से ढक जाती है।

जल के प्रकार

water हमारे जीवन का आवश्यक हिस्सा है- -water के मुख्य स्रोत हैं- नदी, वर्षा, समुद्र, कुँआ आदि ।

जल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-

  • मृदु
  • कठोर जल

मृदु जल किसे कहते हैं

वह जल जो साबुन रगड़ने पर तुरन्त व अधिक झाग देता है, soft water कहलाता है।

कठोर जल

वह जल जो साबुन रगड़ने पर देर से तथा कम झाग देता है, कठोर जल कहलाता है।

  • ये कठोरता jal में प्राप्त कैल्सियम, मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट, क्लोराइड तथा सल्फेट लवणों के घुले होने के कारण होती है। इसकी माप 1,00,000 ग्राम jal में उपस्थित कैल्सियम कार्बोनेट की मात्रा से करते हैं।

कठोरता दूर करने की आवश्यकता

  • लवणों के अधिक मात्रा में घुल जाने पर कठोर पानी पीने योग्य नहीं होता है।
  • कठोर जल में साबुन से कपड़े धोने पर अधिक साबुन व्यय होता है।
  • बॉयलर में कठोर जल उबालने पर बर्तन की सतह पर लवणों की एक पर्त जम जाती है, जो ऊष्मा की कुचालक होती है। जिससे पानी को गर्म करने के लिए अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होती है |
  • बॉयलर में कठोर पानी गर्म करने पर उसमें घुलित लवणों की पर्त जमने के साथ क्रिया कर अम्ल बनाती है। जो बॉयलर की धातु को विलेय करके उसकी मोटाई को कम करती रहती है। मोटाई अधिक कम हो जाने पर बॉयलर के फटने का डर रहता है ।

जल की कठोरता दूर करने की विधियाँ

अस्थायी कठोरता

वह कठोरता जो केवल जल को उबालने से दूर हो जाती है, पानी की अस्थायी कठोरता कहलाती है, यह कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट के जल में विलेय होने के कारण होती है,

इसे दो प्रकार से दूर किया जा सकता है।

जल को उबालकर

अस्थायी कठोर जल को उबालने से उसमें विलेय बाइकार्बोनेट अविलेय कार्बोनेट में बदल जाते हैं, जो बर्तन की पेंदी में बैठ जाते हैं।


Ca (HCO3)2 → CaCO3 + H2O + CO2
Mg(HCO3)2 → MgCO3 + H2O + CO2


चूने के द्वारा क्लार्क विधि

अस्थायी कठोर जल में चूना मिलाने से भी यह कठोरता दूर हो जाती है, क्योंकि चूना बाइकार्बोनेट को कार्बोनेट में परिवर्तित कर देता है।

Ca (OH)2 + Ca (HCO3) 2 2CaCO3 – Ca (OH)2 + Mg (HCO3)2→ MgCO3 + CaCO3 + 2H2O

स्थायी कठोरता

पानी की वह कठोरता, जो पानी को उबालने से दूर नहीं होती, इन्हें निम्न विधियों द्वारा दूर करते हैं।

धावन सोडा अथवा सोडियम कार्बोनेट द्वारा

धावन सोडा को स्थायी कठोर पानी में मिलाने से विलेय कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के क्लोराइड व सल्फेट, अविलेय कार्बोनेट में बदल जाते हैं, इस क्रिया में Ca व Mg के बाइकार्बोनेट, सोडियम बाइकार्बोनेट बनाते हैं, जिससे पानी कठोर नहीं रहता।

CaCl2 + Na2CO3 → CaCO3 + 2NaCl
MgCl2 + Na2CO3 → MgCO3 + 2NaCl CaSO4 + Na2CO3 → CaCO3 + Na2SO4
MgSO4 + Na2CO3 → MgCO3 + Na2SO4

आसवन द्वारा

इस क्रिया में jal को उबालकर वाष्प में तथा वाष्प को ठण्डा कर jal में परिवर्तित करने पर प्राप्त jal, आसुत jalकहलाता है।

परम्यूटिट विधि द्वारा

इस विधि में परम्यूटिट सोडियम जियोलाइट (Na2Al2Si2Og) का प्रयोग किया जाता है जिसे, Z से प्रदर्शित करते हैं।

इसमें jal , बालू की सतह से होकर जियोलाइट के ऊपर जाता है और क्रिया के फलस्वरूप मृदु jal प्राप्त होता है।

MgZ + 2NaCl → MgCl2 + Na2Z

कैलगन विधि द्वारा

कैलगन, सोडियम का संकर लवण है, अत: इसका सूत्र है Na2 [ Na4 (PO4)6] कैलगन jal में विलेय लवणों से क्रिया कर jal को मृदु बनाता है

2CaSO4 + Na2 [Na4 (PO4)6]→ 2Na2SO4 + Na2 [Ca2(PO4)6]

Na2 [Ca2 (PO4)6 → 2Na+ + [Ca2(PO4)6]2

जल के गुण

ये स्वादहीन, रंगहीन, गन्धहीन होता है। यह अनेक धातुओं के साथ अपघटित होकर हाइड्रोजन उत्पन्न करता है। लिटमस पेपर पर उदासीन प्रकट होता है।

अत्यधिक ताप व दाब पर पानी अध्रुवीय विलायक की तरह व्यवहार करता है तथा कार्बनिक यौगिकों के लिए विलायक का कार्य करता है।

आयन विनिमय से प्राप्त हुआ पानी शुद्ध नहीं होता क्योंकि इससे केवल वही अशुद्धि दूर होती है, जो आयनिक अवस्था में हो।

सामान्य ताप पर द्रव अवस्था में पानी के अणु एक-दूसरे से हाइड्रोजन बन्ध द्वारा बँधे रहते हैं।

अगर आप कोई सुझाव देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरुर दें |

महत्त्वपूर्ण लिंक

पानी के कोई तीन गुण बताइए ?

यह रंगहीन तथा स्वादहीन द्रव है। शुद्ध रूप में यह उदासीन है। इसका pH 7 है।
शुद्ध पानी विद्युत का कुचालक है, यद्यपि इसकी चालकता कुछ प्रबल विद्युत अपघट्य मिलाकर बढ़ाई जा सकती है।

4°C पर पानी का घनत्व अधिकतम तथा आयतन निम्नतम होता है।
0°C पर जल अपनी ठोस अवस्था में परिवर्तित होता है, जिसे बर्फ कहते हैं।

H2S तथा S2 Se की तुलना में पानी का उच्च हिमांक, उच्च क्वथनांक, उच्च वाष्पन ऊष्मा, उच्च संलयन ऊष्मा का कारण विस्तृत H आबन्धन का होना है। पानी अणुओं के मध्य H-आबन्धों के कारण ही यह द्रव अवस्था में पाया जाता है।

जल कितने रूपों में पाया जाता है ?

मृदु
कठोर जल

मृदु जल किसे कहते हैं

वह पानी जो साबुन रगड़ने पर तुरन्त व अधिक झाग देता है, मृदु jal कहलाता है।


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