निर्देशन क्या है ? | directing in hindi | NIRDESHAN KYA HAI |
  1. Home  / B.Ed. notes  / 
  2. निर्देशन क्या है ? | directing in hindi | NIRDESHAN KYA HAI |
निर्देशन क्या है ? | directing in hindi |
निर्देशन क्या है ? | directing in hindi | NIRDESHAN KYA HAI |
निर्देशन क्या है ? | directing in hindi |
निर्देशन क्या है ? | directing in hindi |

नमस्कार दोस्तों हमारी आज के post का निर्देशन क्या है ? | directing in hindi | NIRDESHAN KYA HAI | म्मीद करतें हैं की यह आपकों अवश्य पसंद आयेगी | धन्यवाद |

निर्देशन क्या है ?

वह प्रक्रिया जिसके अनुसार एक व्यक्ति को सहायता प्रदान कि जाती है, जिससे कि वह समस्या को समझते हुए उसके समाधान एवं निष्कर्ष को समझकर आवश्यक निर्णय लेने में सक्षम हो सके निर्देशन कहलाता है ।

निर्देशन की प्रकृति

  • यह निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
  • यह मूर्तस्वरूप में है और एक विशेष प्रकार की सेवा के रूप में परिलक्षित होती है।
  • निर्देशन का कार्य अपने स्वभाव से एक माली के कार्य जैसा है जो कि अपने पौधों को विकास की प्रक्रिया से जुड़ा रहता है।
  • यह व्यक्ति की अभिवृत्तियों रूचियों एवं आकर्षण पर विशेष ध्यान पर अपेक्षित है।
  • निर्देशन सेवाओं का उद्देश्य व्यक्ति का परिस्थिति विशेष में समायोजन करना है।
  • इसमें व्यक्ति एवं समाज दोनों के कल्याण की भावना सुनिश्चित कराती है।
  • समाजशास्त्रीय पृष्ठ भूमि में यह समाज एवं व्यक्ति के हित में किया जाने वाला कार्य है।
  • मनोवैज्ञानिक पृष्ठभूमि में यह अन्त: क्रियात्मक व्यापार है जिसके जरिए एक विशेषज्ञ व्यक्ति समस्या ग्रस्त व्यक्ति को प्रेरित करता है।
  • दार्शनिक परिप्रेक्ष्य में यह व्यक्ति के पूर्णतम विकास का एक मार्ग है।
  • निर्देशन आदिकाल से ही मानव जीवन के साथ विद्यमान, रहा है।

निर्देशन के उद्देश्य

निर्देशन व्यापक एवं संकुचित दोनों ही अर्थों में एक प्रकार की सेवा है । जिसका उद्येश्य व्यक्ति एवं उसके सामाजिक संदर्भों की गुणवत्ता, समरसता’, उत्कृष्ठता एवं परस्पर तालमेल को सम्भालना, सुधारना एवं संजोना है।

व्यक्तिगत उद्देश्य

  • निर्देशन का प्रमुख उद्देश्य व्यक्ति का विकास है।
  • व्यक्ति की आत्म विवेचन एवं आत्मविज्ञता को बढ़ाना |
  • व्यक्ति की अपनी आवश्यकताओं क्षमताओं एवं रूचियों के विषय में उचित समझ विकसित करना है।

समाज से सम्बन्धित उद्येश्य

  • समाज के विकास हेतु उपयुक्त सहयोग देना |
  • निर्देशन का प्रमुख उद्देश्य व्यक्ति मात्र की मदद नहीं बल्की सम्पूर्ण समाज का कल्याण है।
  • निर्देशन द्वारा समाज को तनाव मुक्त नही खड़ी – पीढ़ी प्रदान करना |

शिक्षा सम्बन्धित उद्येश्य

  • पूर्व प्राथमिक स्तर में यह अपनी आदतों का विकास करने में सहायता देना है। यह भावनात्मक नियन्त्रण की आदत विकसित करता है।
  • जूनियर हाइस्कूल स्तर में विचारों, अभिरूचियों एवं भावनाओं को प्रकट करने का अवसर प्रदान करना तथा भावनात्मक नियंत्रण प्रदान करना है।
  • उच्चस्तर पर -निर्देशन पाठ्यक्रम व विषय चयन सम्बन्धी समस्याओं का समाधान करने एवं तनाव से मुक्त करने में सहायता प्रदान करना |

आपको हमारी यह post कैसी लगी नीचे कमेन्ट करके अवश्य बताएं |

यह भी जाने

निर्देशन क्या है ?

वह प्रक्रिया जिसके अनुसार एक व्यक्ति को सहायता प्रदान कि जाती है, जिससे कि वह समस्या को समझते हुए उसके समाधान एवं निष्कर्ष को समझकर आवश्यक निर्णय लेने में सक्षम हो सके निर्देशन कहलाता है ।

निर्देशन की प्रकृति क्या है ?

यह निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
यह मूर्तस्वरूप में है और एक विशेष प्रकार की सेवा के रूप में परिलक्षित होती है।
निर्देशन का कार्य अपने स्वभाव से एक माली के कार्य जैसा है जो कि अपने पौधों को विकास की प्रक्रिया से जुड़ा रहता है।
यह व्यक्ति की अभिवृत्तियों रूचियों एवं आकर्षण पर विशेष ध्यान पर अपेक्षित है।
निर्देशन सेवाओं का उद्देश्य व्यक्ति का परिस्थिति विशेष में समायोजन करना है।
इसमें व्यक्ति एवं समाज दोनों के कल्याण की भावना सुनिश्चित कराती है।
समाजशास्त्रीय पृष्ठ भूमि में यह समाज एवं व्यक्ति के हित में किया जाने वाला कार्य है।
मनोवैज्ञानिक पृष्ठभूमि में यह अन्त: क्रियात्मक व्यापार है जिसके जरिए एक विशेषज्ञ व्यक्ति समस्या ग्रस्त व्यक्ति को प्रेरित करता है।
दार्शनिक परिप्रेक्ष्य में यह व्यक्ति के पूर्णतम विकास का एक मार्ग है।
निर्देशन आदिकाल से ही मानव जीवन के साथ विद्यमान, रहा है।

निर्देशन के उद्देश्य क्या है ?

निर्देशन व्यापक एवं संकुचित दोनों ही अर्थों में एक प्रकार की सेवा है । जिसका उद्येश्य व्यक्ति एवं उसके सामाजिक संदर्भों की गुणवत्ता, समरसता’, उत्कृष्ठता एवं परस्पर तालमेल को सम्भालना, सुधारना एवं संजोना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *