तुलनात्मक विधि – अर्थ, गुण एंव दोष | Comparative Method -Meaning, Merits and Demerits
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तुलनात्मक विधि ( Comparative Method)

दो या दो से अधिक व्यक्तियों (समूह) के व्यवहार सम्बन्धी समानताओं एवं असमानताओं को जानने के लिए तुलनात्मक विधि प्रयोग की जाती है विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने इस विधि का उपयोग करके कई उपयोगी तुलना की है तथा इन तुलनाओं के द्वारा अनेक तथ्यों का उद्घाटन किया है जिसके द्वारा उस तुलना से सम्बन्धित लोगों के व्यवहारों को समझने में सहायता मिलती है।

तुलनात्मक विधि (Comparative Method) एक अनुवादिकीय विधि है जिसे भाषाविज्ञान (Linguistics) में उपयोग किया जाता है। इस विधि का उपयोग भाषाओं के विश्लेषण और उनके सम्बन्धों को समझने के लिए किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य भाषाओं के आपसी सम्बन्धों और संबंधितता की जांच करना है।

तुलनात्मक विधि का उपयोग भाषाओं के आपसी संबंधों को अनुमानित करने के लिए किया जाता है, जब उनका साक्षात्कार नहीं हो सकता है, जैसे कि एक भाषा के इतिहास में पश्चिमी और पूर्वी भाषाओं के बीच संबंध या भाषाओं के संबंधित शाखाओं का पता लगाना। यह विधि भाषा के विभिन्न तत्वों के समान और असमानताओं को पहचानने में मदद करती है, जैसे कि शब्दावली, व्याकरण, ध्वनि नियम आदि।

तुलनात्मक विधि के गुण (Merits of Comparative Method)

  1. ‘इस विधि के द्वारा पशु एवं मानव के व्यवहार सम्बंधी समानताओं एवं असमानताओं का पता लगाते हैं ।
  2. इस विधि के द्वारा मनोवैज्ञानिक तथ्यों की खोज की जाती है।
  3. इस विधि के द्वारा दो समूहों के व्यवहार की भी तुलना की जा सकती है।

तुलनात्मक विधि के दोष (Demerits of Comparative Method)

  1. यह विधि, अन्य विधियों द्वारा प्राप्त परिणामों की तुलना करती है। अतः यह विधि एक स्वतंत्र विधि नहीं है।
  2. इस विधि का प्रयोग करने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता पड़ती है।

मनोविज्ञान की इन प्रमुख विधियों के अलावा भी कई विधियाँ हैं जैसे परीक्षण विधि, सांख्यिकी विधि, प्रश्नावली विधि, साक्षात्कार विधि आदि। इन सभी विधियों का प्रयोग विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के द्वारा समय-समय पर किया जाता है ।

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