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कढ़ाई के लिए आवश्यक सामग्री | Embroidery materials and tools in Hindi
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कढ़ाई के लिए आवश्यक सामग्री क्या क्या है?
कढ़ाई के लिए आवश्यक सामग्री
कढ़ाई हेतु निम्न सामग्री की आवश्यकता होती है-
1. मंजूषा (Work Box) –
कढ़ाई के लिए आवश्यक सामग्री सभी सामानों को एक साथ, एक जगह रखना चाहिए ताकि वे सरलता समय पर उपलब्ध हो सकें। इसके लिए किसी ढक्कन वाले बड़े डिब्बे, टोकरी अथवा हाथ से बनाई गई मंजूषा का उपयोग किया जा सकता है। आजकल बाजारों में प्लास्टिक की सुन्दर, रंगीन, पारदर्शी मंजूषाएँ मिलती हैं। इनके भीतर ही धागे, सुइयाँ, कैंची रखने के स्थान विभाजित रहते हैं। इनका उपयोग भी किया जा सकता है।
2. धागे (Threads) —
कढ़ाई के लिए सूती तथा रेशमी धागों की लच्छियाँ उपयोग में लाई जाती हैं। मंजूषा में प्राथमिक रंगों (Basic Colours) तथा काले, सफेद रंगों की लच्छियाँ अवश्य रखें। लाल, पीली, नीली प्राथमिक रंगों की लच्छियों के अतिरिक्त आवश्यकतानुसार अलग-अलग रंगों के शेड्स की लच्छियाँ भी रखें। रेशमी, सूती तथा ऊनी कपड़े पर उसी तंतु से बनी लच्छियों का उपयोग करें। इससे धागों का तनाव एक-सा रहता है तथा कढ़ाई अधिक सुन्दर दिखाई देती है।
अधिकतर बाजार में उपलब्ध प्रत्येक रंग की लच्छी में छः धागे (तार) होते हैं। कढ़ाई के नमूने के अनुसार आवश्यक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए छः, तीन या दो धागों (तारों) से कढ़ाई की जाती है। कभी-कभी इकहरा धागा भी प्रयोग लाया जाता है। चाहे किसी भी प्रकार का धागा प्रयुक्त करें, किन्तु एक बात अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए कि धागों का रंग पक्का हो।
3. सुइयों (Needles)—
कढ़ाई करने की सुइयाँ लम्बी, छोटी, महीन, मोटी आदि विभिन्न आकारों, प्रकारों की होती हैं तथा आवश्यकतानुसार प्रयोग में लाई जाती है। ऊन की सुई मोटी और कम नुकीली होती है। इससे मोटे ऊनी कपड़े, कैनवास (Canvas) या जाली (Net) पर कढ़ाई की जाती है।
कढ़ाई के लिए उपयोग में आने वाली सुई बहुत अच्छी होनी चाहिए। इसकी जाँच करने हेतु सुई को हाथ में लेकर अँगुलियों से दबाएँ। सुई यदि कच्ची धातु की बनी होगी तो दबाने से टेढ़ी हो जाएगी अथवा टूट जाएगी। इस प्रकार की सुई का प्रयोग न करे। उसी का छेद गोल हो या लम्बा, धागे की मोटी से कुछ बड़ा और चिकना होना चाहिए। छेद खुरदरा हने से धागा डालने में असुविधा होती है, साथ ही कढ़ाई करते समय धागे के फँसने अथवा टूट जाने का भय रहता है।
सुई को भीगे हाथों से न छुएँ। सुइयों को सदा साफ, चिकनी तथा जंग रहित रखें। इसके लिए सुइयों पर तेल सगड़ दें या सुई की डिब्बी में पाउडर छिड़कर उसमें सुइयाँ रखें।
4. अंगुश्तान (Thimble)-
कढ़ाई करते समय बार-बार सुई ठेलने से अँगुली में छेद न हो इसलिए अंगुश्तान पहना जाता है। अंगुश्तान धातु या प्लास्टिक का होता है। इसे सही नाप का और चिकना होना चाहिए। अंगुश्तान दाहिने हाथ की मध्यमा (मध्य अँगुली) में पहना जाता है। फ्रेम पर काम करते समय बाएँ हाथ की मध्य अँगुली में भी पहना जा सकता है।
5. कैंचियाँ (Scissors) —
कपड़ा काटने के लिए बड़ी तथा धागा काटने के लिए छोटी कैंची का उपयोग किया जाता है। कटवर्क अथवा अन्य महीन कटाई हेतु अच्छी नोक वाली कैंची की आवश्यकता होती है। कैंचियाँ मजबूत धातु की तीक्ष्ण धार वाली होनी चाहिए।
6. फ्रेम (Frame) –
किसी भी नमूने को सफाई से काटने के लिए फ्रेम का उपयोग किया जाता है। अधिक अभ्यस्त हाथों को फ्रेम की आवश्यकता नहीं होती। जब किसी नमूने में पास-पास कई प्रकार के टाँके प्रयोग में लाये जाये हैं तब नमूना स्पष्ट दिखाई दे, कपड़े में सिकुड़न न पड़ने पाये और सफाई से काम हो सके, इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु फ्रेम का उपयोग करते हैं।
अधिक प्रचलित गोल फ्रेम होते हैं जो धातु अथवा लकड़ी द्वारा निर्मित होते हैं। ये छोटे- बड़े कई प्रकार के होते हैं। इसमें दो छल्ले होते हैं। छोटे छल्ले पर नमूने वाला भाग रखकर उस पर बड़ा छल्ला लगाते हैं। फिर सभी ओर से कपड़े को खींचकर, सीधा करके, बड़े छल्ले पर लगा हुआ नट कस दिया जाता है।
बड़े नमूने या प्राकृतिक दृश्य वाले बड़े चित्रों पर कढ़ाई करते समय फ्रेम का उपयोग किया जाता है।
7. कार्बन पेपर (Carbon Paper) –
कार्बन पेपर लाल, गुलाबी, पीले, जामुनी तथा काले रंगों में मिलता है। यह कागज डिजाइन को कपड़े पर उतारते समय काम में लाया जाता है। कार्बन अच्छी किस्म का होना चाहिए जिससे उसका रंग कपड़े पर न लगे।
8. पेंसिल (Pencil)—
ट्रेसिंग पेपर पर नमूना उतारने के लिए अथवा कार्बन पर से नमूना ट्रेस करने के लिए नोकदार, कड़ी पेंसिलें काम में लाई जाती है।
9. ट्रेसिंग कागज (Tracing Paper)—
पतले, पारदर्शी ट्रेसिंग पेपरों का उपयोग पुस्तकों अथवा पत्रिकाओं से नमूने उतारने एवं पुनः कार्बन की सहायता कपड़े पर उतारा जाता है। कुछ नमूनों के पीछे कार्बन वाली स्याही लगी होती है। उन नमूनों को कपड़े पर रखकर, ऊपर से मार्किंग ह्वील चला देने से नमूना कपड़े पर उतर आता है। पेंसिल की तुलान में मार्किंग हील की सहायता से कार्य शीघ्रतापूर्वक सम्पन्न होता है।
10. मार्किंग ह्वील (Marking Wheel)-
इसे ‘ट्रेसिंग ह्वील’ या नमूना उतारने का गाठिया भी कहते हैं। बड़ी-बड़ी डिजाइनों को मार्किंग हील की सहायता से कपड़े पर उतारा जाता है। कुछ नमूनों के पीछे कार्बन वाली स्याही लगी हती है। उन नमूनों को कपड़े पर रखकर ऊपर से मार्किंग ह्वील चला देने से नमूना कपड़े पर उतर आता है। पेंसिल की तुलना में मार्किंग ह्वील की सहायता से कार्य शीघ्रतापूर्वक सम्पन्न होता है।
11. पिनें (Pins)—
कपड़ा, कार्बन एवं नमूने वाले कागज को यथास्थान बनाये रखने के निमित्त पिनों की आवश्यकता पड़ सकती है, अतः सिलाई के डिब्बे में एक पिन मंजूषा (Pin Box) रखना भी जरूरी है।
12. टेलर्स चॉक Chalk)-
कपड़े पर निशान लगाने के लिए टेलर्स चॉक का उपयोग भी किया जाता है।
13. मापने का फीता (Measuring Tape)-
कपड़े की लम्बाई, चौड़ाई, नमूने की दूरी इत्यादि अंकित करने के लिए नापने के फीते का प्रयोग करना चाहिए।
14. नमूने तथा नमूनों की पुस्तिका (Design or Design Book)-
विभिन्न प्रकार के वस्त्रों पर काढ़ने के लिए तत्काल नमूना ढूँढ़ने में कठिनाई न हो, इस परेशानी से बचने के लिए सिलाई मंजूषा में कई तरह के नमूने एकत्र करके अथवा नमूनों की पुस्तिका अवश्य रखें। विभिन्न टाँकों, एपलीख वर्क, काट वर्क एवं क्रॉस स्टिच से बनये जाने वाले सभी प्रकार के नमूने संग्रहित करें। बाजार में नमूनों की पुस्तिकाएँ मिलती हैं। पत्र-पत्रिकाओं में भी नमूने प्रकाशित होते रहते हैं। इसके अतिरिक्त आप ट्रेसिंग पेपर्स जोड़कर एक पुस्तिका बना सकती हैं। इसमें अच्छे नमूने संकलित करती जाएँ।
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